दादी ऑन डिमांड स्टार्टअप से बुज़ुर्गों को मिला नया रोल – डिजिटल कहानीकार

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

बचपन में जो कहानियाँ हम दादी की गोद में सुनते थे, अब वही डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं – और वो भी सब्सक्रिप्शन के साथ। “दादी ऑन डिमांड” एक ऐसा स्टार्टअप है जो बुज़ुर्गों को रोजगार देता है और यूज़र्स को मानसिक सुकून।

स्टार्टअप आइडिया क्या है?

यह एक मोबाइल ऐप/वेबसाइट है जहां आप रजिस्ट्रेशन कर, कॉल या वीडियो कॉल पर दादी से कहानी, सलाह, संस्कार, नसीहतें और गप्पें ले सकते हैं – बिल्कुल वैसे ही जैसे असली घर की दादी देती थीं।
चाहे बच्चों को सुलाना हो या किसी कॉर्पोरेट नौजवान को जीवन की सीख देनी हो – यहाँ हर स्थिति के लिए “एक दादी तैयार है।”

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दादियाँ कहाँ से आएंगी?

रिटायर्ड शिक्षिकाएँ

वृद्धाश्रम की बुज़ुर्ग महिलाएँ

हाउसवाइव्स जो खाली समय में कहानी सुनाना चाहती हैं

डिजिटल ट्रेनिंग के बाद ये दादियाँ ऐप के ज़रिए ऑनबोर्ड होंगी

“अब दादी की कहानियाँ सिर्फ यादें नहीं रहेंगी, डिजिटल अनुभव बनेंगी!”

Initial Investment

मद अनुमानित खर्च (₹)
ऐप और वेबसाइट डेवलपमेंट ₹3 लाख
दादियों की डिजिटल ट्रेनिंग ₹1 लाख
कस्टमर सपोर्ट और मॉडरेशन टीम ₹1.5 लाख
मार्केटिंग (मीम्स, इंस्टा रील्स, PR) ₹1 लाख
टोटल अनुमानित लागत ₹6.5 लाख

Target Customer कौन है?

मिलेनियल्स/Gen-Z जिन्हें अपनी दादी से दूर रहना पड़ता है

वर्किंग पैरेंट्स जो बच्चों को नैतिक शिक्षा दिलाना चाहते हैं

मेंटल हेल्थ के लिए जेन्युइन ह्यूमन कनेक्शन खोजने वाले लोग

NRIs, जो अपनी संस्कृति से जुड़ाव चाहते हैं

Revenue Streams

  1. Subscription Plans:

₹99/month – Audio Calls

₹199/month – Video Calls + Custom Story Time

₹299/month – Weekly Life Advice & Festive Specials

Kids Story Packs:
On-demand story bundles narrated by दादियाँ

Corporate Wellness Programs:
“Monday Motivation by Digital Dadi”

Festival Specials:
दादी की दिवाली, नानी का नवरात्रि किचन सीक्रेट्स

बुज़ुर्गों के लिए एक सम्मानजनक मंच

ये स्टार्टअप सिर्फ एक यूज़र सर्विस नहीं, बल्कि बुज़ुर्गों के पुन: सशक्तिकरण का भी जरिया है। जिन्हें समाज ‘रिटायर्ड’ मान लेता है, वो अब स्टोरी टेलिंग के CEO बनेंगे।

मार्केटिंग स्ट्रैटेजी 

Instagram Campaign:
“दादी बोलें – आज की कहानियाँ रील्स में नहीं मिलतीं बेटा!”

YouTube Shorts:
“क्या आपको कोई है जो सोने से पहले बोले – ‘बेटा, Good Night, Bhagwan ka naam लेकर सोना’?”

Referral Campaign:
“अगर तुम्हारे दोस्त को भी संस्कार चाहिए, तो उसे भी ‘दादी ऑन डिमांड’ गिफ्ट करो!”

संस्कार + सुकून = स्टार्टअप सक्सेस

“दादी ऑन डिमांड” एक ऐसा स्टार्टअप है जो संस्कार और स्टार्टअप का मेल है। जहाँ बाकी ऐप्स हमें स्क्रॉलिंग में उलझाते हैं, यह ऐप हमें कहानियों में सुलाता है। और जो बचपन में सुनी थी – अब वो कहानियाँ फिर से जिएंगे, थोड़े पैसे में, बहुत सारा प्यार लेकर।

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